Clara Zetkin, pioneer of International Women’s Day क्लारा ज़ेटकिन: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की प्रेरणा

Clara Zetkin International Women's Day

Clara Zetkin क्लारा ज़ेटकिन एक जर्मन समाजवादी नेता, नारीवादी और कार्यकर्ता थीं, जिनकी पहल पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की परंपरा शुरू हुई। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए जीवनभर संघर्ष किया और समाजवादी विचारधारा के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया।

क्लारा ज़ेटकिन का जीवन परिचय

  • जन्म: 5 जुलाई 1857, जर्मनी के विडराऊ में
  • मृत्यु: 20 जून 1933, मॉस्को, सोवियत संघ
  • मुख्य भूमिका: समाजवादी विचारक, महिला अधिकारों की समर्थक, पत्रकार और राजनीतिक कार्यकर्ता
  • प्रमुख योगदान: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना, समाजवाद और महिला आंदोलन में योगदान

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना में भूमिका

1907 में, क्लारा ज़ेटकिन ने सोशलिस्ट इंटरनेशनल के महिला सम्मेलन में महिलाओं के अधिकारों और श्रमिक महिलाओं की स्थिति सुधारने के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने 1910 में कोपेनहेगन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी महिला सम्मेलन में प्रस्ताव रखा कि हर वर्ष महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए एक विशेष दिन मनाया जाए। इस प्रस्ताव को पूरी तरह समर्थन मिला और 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

1917 में रूस में महिलाओं ने ज़ार सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा और 8 मार्च को हड़ताल की, जिससे प्रेरित होकर इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी गई। 1977 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक रूप से अपना लिया।

क्लारा ज़ेटकिन के अन्य योगदान

महिला अधिकारों के लिए संघर्ष – क्लारा ने महिलाओं के लिए समान वेतन, कार्यस्थल पर बेहतर स्थितियाँ और मतदान अधिकारों की माँग की।

पत्रकारिता और प्रचार – उन्होंने ‘डाई ग्लाइचहाइट’ (समानता) नामक पत्रिका का संपादन किया, जो समाजवादी महिला आंदोलन का प्रमुख माध्यम बना।

समाजवाद और राजनीति में योगदान – वे जर्मनी की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी रहीं और महिलाओं के अधिकारों को समाजवादी संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया।

फासीवाद के खिलाफ आवाज़ – वे हिटलर और नाजीवाद के खिलाफ मुखर रहीं और अपना जीवन समाजवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में समर्पित किया।

निष्कर्ष

क्लारा ज़ेटकिन एक क्रांतिकारी नेता थीं, जिनके प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक वैश्विक आंदोलन बना। उन्होंने जीवनभर महिलाओं की समानता, अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। आज जब हम 8 मार्च को महिला दिवस मनाते हैं, तो हमें उनके योगदान को याद करना चाहिए और उनकी विचारधारा से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनका संघर्ष आज भी हमें महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और लैंगिक समानता के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।